8 अप्रैल को होगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, 54 साल पहले यानी 1970 में लगा था ऐसा सूर्यग्रहण, जानिए क्या रहेगा असर?

जयपुर: 8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा. वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसे शुभ नहीं माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहणकाल के दौरान हमारे आसपास की हर चीज प्रभावित होती है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रहण से पहले मार्च में 25 तारीख को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगा था, जोकि भारत में दिखाई नहीं दिया था. विशेष बात यह है कि दोनों ग्रहण के दिन समान ही हैं. यानी कि पहला चंद्र और सूर्य ग्रहण सोमवार को हैं. साल का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. अब से ठीक 54 साल पहले यानी 1970 में ऐसा सूर्यग्रहण लगा था.

8 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण:
ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा. लेकिन भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए इसका धार्मिक महत्व भी नहीं होगा. अतः सूतक मान्य नहीं होगा.  सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में ही दिखाई देगा. सूर्यग्रहण रात में 9:12 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा. सूर्यग्रहण का खग्रास प्रारंभ 10:10 मिनट से होगा. सूर्यग्रहण का मध्य रात में 11:47 मिनट पर रहेगा. खग्रास समाप्त मध्य रात्रि 1:25 मिनट पर. सूर्य ग्रहण रात में 2:22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. ऐसे में साल के पहले सूर्यग्रहण की अवधि 5 घंटे 10 मिनट की होगी.

कहां-कहां दिखेगा साल का पहला ग्रहण:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कनाडा, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स, अरूबा, बर्मुडा, करेबियन नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, आयरलैंड, आइसलैंड, जमाइका, नॉर्वे, पनामा, निकारगुआ, रूस, पोर्तो रिको, सैंट मार्टिन, स्पेन, द बहामास, यूनाइटेड किंग्डम और वेनेजुएला समेत दुनिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा.

भारत में नजर नहीं आएगा साल का पहला ग्रहण:
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि चंद्र ग्रहण की तरह ही साल के पहले सूर्य ग्रहण को भी भारत से देखा जा सकेगा.

भारत में मान्य नहीं होगा सूतक काल:
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण लगने के बाद तक रहता है, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. 

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका:
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा. इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं का संकेत मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है. फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार. व्यापार में तेजी आएगी. बीमारियों में कमी आएगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में इजाफा होगा. वायुयान दुर्घटना होने की संभावना. पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे. सत्ता संगठन में बदलाव होंगे. पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा. आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है.