यूं तो प्रधानमंत्री से उनके काम काज का लेखा जोखा पक्ष विपक्ष और मीडिया समय समय पर मांगता रहता है , जिस पर रोज़ नए विवाद खड़े भी होते हैं ; पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं मोदी सरकार द्वारा साल भर में किये गए कामों का पूरा ब्यौरा , अर्थात साल भर का हिसाब, तो आइये जानते हैं 2015 में क्या-क्या मिला जनता को मोदी सरकार से:
अटल पेंशन योजना के अंतर्गत अंशदाताओं को 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक प्रतिमाह पेंशन मिलेगी, जो उनके अंशदान पर निर्भर करेगी। यह अंशदान किसी व्यक्ति के योजना में शामिल होने के समय उसकी आयु के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। केंद्र सरकार पात्र अंशदाता के खाते में हर वर्ष कुल अंशदान का आधा हिस्सा अथवा 1000 रुपये, इनमें जो भी कम हो, जमा कराएगी। यह अंशदान 31 दिसम्बर, 2015 से पहले नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होने वाले अंशदाताओं के खाते में 5 वर्ष अर्थात 2015-16 से 2019-20 तक जमा कराया जाएगा। किसी भी वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य और आयकरदाता इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकेंगे। अंशदाता की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी/पति को पेंशन मिल सकेगी और उसके बाद पेंशन निधि नामित व्यक्ति को लौटा दी जाएगी। अटल पेंशन योजना में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होगी। सरकार न्यूनतम नियत पेंशन लाभ की गारंटी प्रदान करेगी।उम्मीद की जा रही है कि एपीवाई योजना के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के दौरान करीब 2 करोड़ अंशदाताओं का पंजीकरण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत अंशदाताओं को 330 रुपये वार्षिक प्रीमियम का भुगतान करने पर 2,00,000 रुपये के जीवन बीमा का लाभ मिलेगा। पीएमजेजेबीवाई 18 से 50 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी, जिनका कोई बैंक खाता होगा जिसमें से ``स्वतः डेबिट`` सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) महिलाओं एवं बाल विकास मंत्रालय ,स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रुप में समन्वित और अभिसरित प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को की गई है और जिसे निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में प्रारंभ किया गया है। सभी राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों को कवर 2011 की जनगणना के अनुसार निम्न बाल लिंगानुपात के आधार पर प्रत्येक राज्य में कम से कम एक ज़िले के साथ 100 जिलों का एक पायलट जिले के रुप में चयन किया गया है
योजना के उद्देश्य
- पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन
- बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना
- बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु और पूर्ण विकलांगता की स्थिति में 2,00,000 रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1,00,000 रुपये के बीमा लाभ का प्रावधान किया गया है। यह योजना 18 से 70 वर्ष की आयु समूह के उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिनका कोई बैंक खाता होगा जिसमें से ‘‘स्वतः डेबिट’’ सुविधा के जरिए प्रीमियम वसूल किया जाएगा। 5 वर्ष की अवधि में एपीवाई के अंशदाताओं के लिए सरकारी अंशदान के रूप में 2520 करोड़ रुपये लेकर 10,000 करोड़ रुपये तक की लागत आने की संभावना है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना के उद्देश्य से 20 नवंबर, 2014 को प्रारंभ की गई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रीमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।इस योजना के तहत कृषि और गैर–कृषि फीडर सुविधाओं को अलग –अलग किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण और उप - पारेषण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा जिसमें वितरण ट्रांसफार्मर, फीडर और उपभोक्ताओं के लिए मीटर लगाना सम्मिलित होगा। योजना के अंतर्गत दोनों घटकों की कुल अनुमानित लागत 43,033 करोड़ रूपये है जिसमें पूरे क्रियान्वयन अवधि के लिए भारत सरकार द्वारा 33,453 करोड़ रूपये की बजट सहायता भी शामिल है
डिजिटल लॉकर या डिजिलॉकर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। अंग्रेजी भाषा के शब्दों डिजिटल लॉकर का हिंदी में शाब्दिक अर्थ है अंकीय तिजोरी या इलेक्ट्रॉनिक तिजोरी जो दस्तावेजों की छायाप्रति सुरक्षित रखने के काम आती है। भारत सरकार के संचार और आईटी मंत्रालय के द्वारा प्रबंधित इस वेबसाईट आधारित सेवा के जरिये उपयोगकर्ता जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र जैसे अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकते हैं। यह सुविधा पाने के लिए बस उपयोगकर्ता के पास भारत सरकार द्वारा प्रद्दत आधार कार्ड होना चाहिए। अपना आधार अंक डाल कर उपयोगकर्ता अपना डिजिलॉकर खाता खोल सकते हैं और अपने जरूरी दस्तावेज़ सुरक्षित रख सकते हैं। आधार अंक की अनिवार्यता होने की वजह से यह तय किया गया है कि इस सरकारी सुविधा का लाभ सिर्फ भारतीय नागरिक ही ले सकें और जिसका भी खाता हो, उसके बारे में सभी जानकारी सरकार के पास हो। कोई भी ठग, झूठा और अप्रमाणित व्यक्ति इसका उपयोग ना कर सके इसके लिये आधार कार्ड होने की अनिवार्यता बेहद आवश्यक है क्युंकि आधार कार्ड भी भारत सरकार द्वारा पूरी जाँच पड़ताल के बाद ही जारी किया जाता है। इस तरह से इस प्रणाली के दुरुपयोग की संभावना बेहद कम हो जाती है। इस सुविधा की खास बात ये है कि एक बार लॉकर में अपने दस्तावेज अपलोड करने के बाद आप कहीं भी अपने प्रमाणपत्र की मूलप्रति के स्थान पर अपने डिज़िलॉकर की वेब कड़ी (यूआरएल) दे सकेंगे। भारत के संचार एवं आईटी मंत्रालय की शाखा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्मोगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) ने जुलाई 2015 में डिजिटल लॉकर का बीटा संस्करण जारी किया है। इस संस्करण का नाम डिजीलॉकर रखा गया है। फिलहाल यह वेबसाईट हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना मुद्रा बैंक के तहत एक भारतीय योजना है जिसकी शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 8 अप्रैल 2015 को नई दिल्ली में की थी ` मुद्रा बैंक के तहत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के हस्तक्षेप के तहत इसमें तीन श्रेणीयां है -शिशु ,किशोर और तरुण ` ये तीनों श्रेणीयां लाभार्थियों को विकास और वृद्धि में मदद करेगी ` इस योजना के तहत मनीकंट्रोल॰कॉम के अनुसार, लगभग 1,65,000 लोग लाभ उठाने के ओवर- आलेखन सरकार ने 1 सितंबर 2015 से इस योजना के लिए अमरीकी डालर $ 157,400,000 जुटाए है
भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने आदिवासियों के कल्याण के लिए वनबंधु कल्याण योजना (वीकेवाई) शुरू की है। योजना आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के एक विकासखंड में पायलट आधार पर शुरू की गई है। केंद्र योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक में विभिन्न सुविधाओं का विकास करने के लिए 10 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इन ब्लॉकों का चयन संबंधित राज्यों की सिफारिशों पर और कम साक्षरता दर के आधार पर होगा। यह योजना मुख्य रूप से अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक समूहों के बीच मानव विकास सूचकांक ढांचागत कमियों और अंतर को पूरा करने पर केंद्रित है।
केंद्र सरकार ने पांच राज्यों के 102 अमृत शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए 3120 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इन पैसों का इस्तेमाल शहरों में पानी सप्लाई, ड्रेनेज नेटवर्क में सुधार, गैर-मोटरयुक्त ट्रांसपोर्ट सिस्टम और सरकारी जगहों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किया जाएगा। एक बयान के अनुसार शहरी विकास मंत्रालय ने अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) के तहत निवेश को मंजूरी दी है।कार्य योजना के तहत हरियाणा के लिए 438 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है, जहां 18 अमृत शहर हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के (नौ अमृत शहर) के लिए 573 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 416 करोड़ रुपए तेलंगाना (12 शहर) के लिए, केरल (नौ शहर) के लिए 588 करोड़ रुपए, पश्चिम बंगाल के लिए 1,105 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। पश्चिम बंगाल में अटल मिशन के तहत 54 शहर हैं।
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत देशभर में 100 स्मार्ट शहर बसाने की योजना है. वहीं एएमआरयूटी योजना के तहत देश के 500 शहरों का कायाकल्प किया जाएगा. ये शहर हाइटेक सुविधाओं से लैस होंगे. आवास योजना के तहत 2022 तक देश के तमाम परिवारों को घर मुहैया करवाया जाएगा.
साल 2015: क्या पाया भारत ने 2015 में
साल 2015: क्या क्या हुआ दुनिया भर में: Special Report News75